रुबिका लियाकत ने ऐसा क्या कहा जिससे सोशल मीडिया पर जमकर हो गई ट्रोल

टीवी न्यूज़ एंकर और पत्रकार रुबिका लियाकत उन पत्रकारों में शामिल है जो किसी भी मुद्दे को लेकर सरकार से सवाल करने की जगह विपक्ष को ही क’टघरे में खड़ी करती नजर आती है. जिसके चलते उन्हें अक्सर ही सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. इसी कड़ी में एक बार फिर से रुबिका लियाकत सोशल मीडिया पर ट्रोल की जा रही है.

सोशल मीडिया यूजर रुबिका लियाकत की जमकर आलोचना कर रहे है. दरअसल इस बार रुबिका लियाकत ने विपक्षी दल समाजवादी पार्टी से सवाल पूछ लिया. वहीं रुबिका का सवाल भी ऐसा था जिसे देखकर समाजवादी पत्रकार की आलोचना करते नजर आए.

जब परिवार एक तो पार्टी दो क्यों

दरअसल रुबिका लियाकत ने ट्विटर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के एक ट्वीट को कोट किया और एक सवाल किया. एंकर ने ट्वीट में लिखा कि गठबंधन हो गया है विलय नहीं. मेरा सवाल ये है कि जब परिवार एक है तो पार्टी दो क्यों?

रुबिका लियाकत इस सवाल के बाद सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई. रुबिका के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक राजीव ध्यानी नामक यूज़र ने सवाल किया कि राजमाता सिंधिया और माधवराव सिंधिया मां बेटे थे, लेकिन इसके बाद भी वो विरोधी पार्टियों में क्यों थे.

यूजर ने आगे लिखा कि अभी कुछ वक्त पहले तक ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे जबकि उनकी बुआएं और फुफेरा भाई बीजेपी में क्यों थे. आप, चौधरी, रजत शर्मा और चौरसिया..सबका मालिक एक है तो आप लोग अलग-अलग चैनलों में क्यों हो?

वहीं ट्वीटर पर रोल्फ गांधी नाम के मशहरू ट्रोल ने लिखा कि आपका सवाल एक पत्रकार के तौर पर है या फिर एक अघोषित बीजेपी प्रवक्ता के तौर पर है?

लियाकत के ट्वीट पर ट्वीटर यूजर संजीव श्रीवास्तव ने लिखा कि राहुल गांधी और वरुण गांधी दोनों ही एक फैमली में है. परिवार एक तो पार्टी दो क्यों? मैडम आप तो गुलामी करती हो पर देश में लोकतंत्र है. एक ही परिवार के लोग अलग-अलग पार्टी का चुनाव कर सकते है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है. इससे पहले सूबे में सियासी हलचल तेज होती जा रही है. इसी बीच 16 दिसंबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच मुलाकात हुई.

चाचा-भतीजे की मुलाकात से बदलेंगे सियासी समीकरण

चाचा-भतीजे की इस मुलाकात के बाद राज्य में सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे है. अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच हुई ये मुलाकात राज्य के सियासी माहौल को देखते हुए काफी मायने रखती है.

दोनों के बीच ये मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली. अखिलेश ने चाचा के साथ बैठक के बाद सपा और प्रसपा के बीच यूपी विधानसभा चुनाव लड़’ने के लिए दोनों पार्टी ने गठबंधन का ऐलान किया. आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव से मुलाकात के लिए समय की मांग कर रहे थे.

चाचा-भतीजे के बीच हुई ये मुलाकात इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि सूबे में सत्ताधारी बीजेपी के सामने सपा सबसे बड़ी चुनौ’ती मानी जा रही है. ऐसे में अखिलेश को शिवपाल का साथ मिलना पार्टी की जड़ों को मजबूत करेगा.

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