भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा है कि वह कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहे और उन्होंने राजनीतिक दलों से अपने पोस्टर में उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह भी किया है वहीं दिल्ली से लौटने पर राकेश टिकैत का मेरठ में किसानों ने जोरदार स्वागत किया है!
ANI से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत का कहना है कि मैं कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं और किसी भी राजनीतिक दल को अपने पोस्टर में मेरे नाम या फोटो का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए! 9 दिसंबर को, संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक समिति गठित करने के बाद साल भर चलने वाले आंदो लन को स्थगित करने की घोषणा की! साथ ही केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस करने का भी वादा किया है!
फिर से शुरू हो सकता है आंदो लन?
ट्रैक्टर और ट्रकों के बड़े काफिले से किसान अपने-अपने राज्यों की ओर लौट रहे हैं! जिस तरह वह एक साल पहले कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे थे! किसान नेता 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे!
एसकेएम ने अपने बयान में कहा था कि अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है तो हम फिर से अपना आंदो लन शुरू कर सकते हैं! किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे! हालांकि, लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया! 19 नवंबर को, पीएम मोदी ने घोषणा की कि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में आवश्यक विधेयक लाएगा!
हवन-पूजा कर सीमा छोड़ी
सीमा से निकलने से पूर्व सुबह हवन पूजन व प्रसाद वितरण किया गया! इसके बाद विजय यात्रा में शामिल किसान भारत माता के गीतों और देशभक्ति के गीतों के बीच अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए! इस दौरान टिकैत ने कहा कि आंदो लन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी-मीठी यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी!
किसानों ने दिल्ली की सीमा पर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया और हाल ही में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को निरस्त कर दिया, जिसके बाद किसान घर लौट आए हैं! टिकैत ने गाजीपुर से अपने प्रस्थान की तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किए! टिकैत ने ट्वीट किया कि सड़क पर 13 महीने का संघर्ष, आज घर वापसी, देशवासियों का हृदय से आभार!