आज मीडिया का ज़मीर एक साथ अचानक कैसे जाग गया

पिछले कुछ सालों से मीडिया चैनलों और न्यूज़ एंकरों का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर एकतरफा कवरेज करने वाली मीडिया के तौर पर कुख्या’त हो गया है. मीडिया में आने वाले चैनल केंद्र सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार करते नजर आते है. ये वो चैनल्स है जिन पर अधिकतर हिंदू-मुसलमान, पाकिस्तान जैसे मुद्दे दिखाए जाते है. ये एंकर सरकार से सवाल करने की जगह विपक्ष से सवाल करने में अपनी रूचि रखते है.

पिछले दिनों किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में कुछ किसानों को गाड़ी के नीचे रौद दिया गया. आरोपों के मुताबिक ये काम गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के इशारे पर किया गया. इस मामले को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट हो किसानों के साथ खड़ा रहा.

जगा मीडिया का जमीर?

आरोपी बेटे की गिरफ्तारी की मांग उठी जबकि इस बीच मीडिया मंत्री और मंत्री के बेटे के बचाव में बोलते नजर आए. किसी भी चैनल ने नैतिकता के आधार मंत्री के इस्तीफे की मांग नहीं की बल्कि इसके उल्ट विपक्ष की मांग को राजनीति बताया गया.

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मीडिया के चैनल्स पार्टी विशेष के एजेंडे को फॉलो करते है और उसी पार्टी के हक में बात करते हुए नजर आते है. लेकिन 15 दिसंबर 2021 बुधवार को कुछ ऐसा हुआ की मीडिया का जमीर जाग उठा. सोशल मीडिया के दवाब में आकार मीडिया भी पत्रकारिता करता नजर आने लगा.

दरअसल आरोपी के पिता यानि गृह राज्य मंत्री टेनी ने मीडिया के साथ अभद्रता की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्री ने एबीपी न्यूज़ तथा जी न्यूज के रिपोर्टर के साथ असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया. कैमरे कम बंद कराने का प्रयास किया गया.

इसे लेकर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि दिल्ली के संपादकों, जब आपके पत्रकार मंत्रियों द्वारा जू’ते से पी’टे जाने लगेंगे तभी आपका आत्मसम्मान जागेगा?

सूर्य प्रताप सिंह ने अपने एक और ट्वीट में लिखा कि खैर मीडिया को क्या, जब उन्हें सीएम से ‘चू’ ति’या’ जैसे शब्द सुनना पुष्पवर्षा लगती है तो ये ‘अबे-तबे’ जैसे शब्द तो आम हैं. आज मीडिया का जो हाल है उसकी जिम्मेदारी मीडिया खुद की है. गुलाम, बिकाऊ, बेशर्म और भ्र’ष्ट.

सोशल मीडिया पर इस मामले के बाद लोगों ने मीडिया को चुनौती दी, उसे ललकारा तो मीडिया का जमीर जाग उठा. चाहे सिर्फ एक मामले को लेकर ही सही लेकिन उनका जमीर जगा जरुर.

शीर्ष नेताओं पर सवाल करने से बचा मीडिया

मीडिया पर मंत्री के खिलाफ डिबेट देखने को मिली, इस्तीफे की मांग की गई. रुबिका लियाकत ने अपने डिबेट शो को लेकर एक ट्वीट किया जिसमें लिखा था कि बेटे पर सवाल, भड़क गए बाप. टेनी का गुरूर, आखिर कब होगा चूर-चूर?

रुबिका ने अपने शो में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से इस्तीफा मांगा. उन्होंने बीजेपी के सहयोगी दलों से भी तीखे सवाल किये लेकिन पीएम और अमित शाह से सवाल करने से परेहज किया. वहीं सुमित अवस्थी ने भी इस मामले को लेकर डिबेट की. लेकिन वो भी बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर सवाल उठाने से बचे.

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