देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 करोड़ की भारी भरकम पेनेल्टी लगाई है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पर नियामकीय अनुपालन में कमी को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है. इसके बाद कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि , क्या इस पेनल्टी का असर खाताधारकों पर पड़ेगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, यह कोई पहला मौका नहीं है जब एसबीआई पर इस तरह का जुर्माना लगा हो. इससे पहले भी इसी साल अक्टूबर माह में स्टटे बैंक ऑफ इंडिया पर बैंकिंग अधिनियमों के उल्लघंन मामले में जुर्माना लगाया गया था.
आरबीआई ने 16 नवंबर को जारी अपने आदेश में लिखा है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 19 की उप-धारा (2) के उल्लंघन मामले पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई के अनुसार यह जुर्माना अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत लगाया गया है. बता दें कि आरबीआई की जांच में दोषी आने के बाद यह जुर्माना लगाया गया है.
दरअसल केंद्रीय बैंक के अनुसार वित्तीय स्थिति के संदर्भ में 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 के बीच एसबीआई के निगरानी संबंधी मूल्यांकन को लेकर वैधानिक निरीक्षण किया गया था. जिसके बाद बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था. इसके साथ ही उनसे पूछा गया था कि, आखिर उन पर पेनेल्टी क्यों न लगाया जाए. जिसके बाद SBI के जवाब से असंतुष्ट RBI ने ये जुर्माना ठोका है.
क्या होगा खाताधारकों पर इसका कोई असर?
आपको बता दें कि, RBI द्वारा SBI पर लिए गए इस एक्शन से बैंक के ग्राहकों पर कोई असर नहीं होने वाला है. ये जुर्माना बैंक पर बैंकिंग नियमों की अनदेखी के कारण लगाया गया है. जिसका सीधे तौर पर असर ग्राहक पर नहीं पड़ेगा. बैंक में खाताधारकों की जमापूंजी, उनका पैसा उनके बैंक खाते में पूरी तरह से सुरक्षित है.
आरबीआई ने साथ ही स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों के आधार पर है. इसका असर बैंक की ओर से ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या ट्रांजैक्शन संबंधी समझौते आदि जैसी गतिविधियों पर असर नहीं डालेगा.
SBI ने अब तक नहीं लौटाए 164 करोड़, बैंक ने दी ये सफाई
वही एक अन्य रिपोर्ट की माने तो उस रिपोर्ट में कहा गया है कि, एसबीआई ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के नाम पर 164 करोड़ रुपए के अनुचित शुल्क को वसूला है जो बैंक ने अब तक नहीं लौटाए है. इस रिपोर्ट में वर्ष 2017 से लेकर दिसंबर, 2019 के बीच के डिजिटल भुगतान का हवाला दिया गया है. मगर इस रिपोर्ट का जवाब देते हुए SBI ने कहा है कि वह सभी सरकार और संबंधित अथॉरिटी के नियमों का पालन कर रही है.