कॉमेडियन वीर दास अमेरिका में हुए अपने एक शो को लेकर काफी चर्चा में आ गए हैं। अमेरिका में शो के मंच पर उन्होंने अपनी लिखी एक कविता पढ़ी जिसको लेकर भारत में बवाल मच गया। अंग्रेजी में लिखी वीर दास की इस कविता का शीर्षक ‘I COME FROM TWO INDIAS’ है। कॉमेडियन ने भारत को लेकर अपनी सोच पर लिखी यह कविता अमेरिका के मंच पढ़ी। वीर दास ने इसका वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर भी साझा किया है। मगर इस कविता को लेक भारत में बहस छिड़ गया। कुछ लोग जहां वीर दास की कविता की सराहना कर रहे हैं, तो एक बड़ा तबका उन्हें देशद्रोही बता रहा है। कविता वायरल होने के बाद लोग उन्हें ट्विटर पर ट्रोल कर रहे हैं। एक्ट्रेस कंगना रनौत ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वीर दास ने इस कविता को अंग्रेजी में लिखा है ,
लेकिन आपके लिए हम इस कविता का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत कर रहे हैं।
वीर दास की कविता ‘I come from two Indias’ की पंक्तियां-
इस पल की चाह है कि मैं अपने आप पर एक वीडियो बनाऊ,
और मैं ऐसा नहीं करना चाहता क्योंकि मुझे याद दिलाया जाता है कि मैं भारत से आता हूं।
मैं किस भारत से आता हूं? मैं दो भारत से आता हूं वो भारत जिन्हें मैं अपने साथ मंच पर अभी लेकर आया हूं।
मैं एक उस भारत से आता हूं,
जहां बच्चे एक दूसरे का हाथ भी मास्क पहन कर पकड़ते हैं,
फिर मैं उस भारत से आता हूं जहां नेता बिना मास्क पहने एक-दूसरे को मंच पर गले लगाते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां AQI 9000 है लेकिन फिर भी हम रात में अपनी छतों पर लेटकर तारे देखते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में उनका गैंगरेप करते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं,
जहां हम ट्विटर पर बॉलीवुड को लेकर अलग होने का दावा करते हैं,
लेकिन थियेटर के अंधेरों में बॉलीवुड के लिए इकट्ठा जाते हैं। मैं एक ऐसे भारत से आता हूं,
जहां हम कामुकता का मजाक उड़ाते हैं और तब तक * हैं जब तक हम एक अरब लोगों तक नहीं पहुंच जाते।
मैं एक ऐसे भारत से आता हूं,
जहां पत्रकारिता मर चुकी है,
क्योंकि अब आदमी फैंसी स्टूडियों में फैंसी कपड़े पहनते हैं और सड़क पर लैपटॉप लिए महिला पत्रकार सच्चाई बताती है।
मैं उस भारत से आता हूं,
जहां जब हम हरे रंग (पाकिस्तान) से खेलते हैं तो हम नीले रंग (भारतीय क्रिकेट जर्सी) के हो जाते हैं
और जब हम हरे रंग (पाकिस्तान) से हार जाते हैं तो हम अचानक नारंगी (भगवा) के हो जाते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं
जहां हम इतनी जोर से हंसते हैं कि आप हमारी हंसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के बाहर तक सुन सकते हैं।
और मैं उस भारत से भी आता हूं,
जहां कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ दी जाती हैं, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज़ आती है।
मैं उस भारत से आता हूं
जहां के बुजुर्ग नेता अपने बाप के बारे में बात करना बंद नहीं करते और मैं उस भारत से आता हूं
जहां के युवा नेता अपनी मां की सुनना बंद नहीं करते।
मैं उस भारत से आता हूं,
जहां बड़ी आबादी 30 साल से कम उम्र की है लेकिन हम 75 साल के नेताओं के 150 साल पुराने आइडिया सुनना बंद नहीं करते।
मैं ऐसे भारत से आता हूं, जहां हमें पीएम से जुड़ी हर सूचना दी जाती है लेकिन हमें पीएमकेयर्स की कोई सूचना नहीं मिलती।