लखीमपुर हिंसा में गिरफ्तार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटा आशीष मिश्रा को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है। जिला जज ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
इससे पहले लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा कांड में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत पर आज जिला जज की कोर्ट में बहस पूरी हुई। लोअर तथा सेशन कोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद जिला जज की कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत के लिए अपील की गई थी।
आशीष मिश्रा के साथ ही इस हिंसा में गंभीर रूप से घायल लवकुश तथा आशीष पाण्डेय की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। इन दोनों को भी केस में आशीष मिश्रा के साथ नामजद किया गया है। इनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सोमवार, 15 नवंबर 2021 को दिन में दो घंटे तक बहस के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। शाम में जिला जज मुकेश मिश्रा ने केस डायरी, अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों को देखने के बाद जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।
लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी थी। ये किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का विरोध कर रहे थे। इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) पहुंचे थे। इसकी जानकारी जैसे ही कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों को हुई तो वे हेलिपैड पहुंच गए।
किसानों (Farmers) ने रविवार, 3 अक्टूबर 2021 को सुबह आठ बजे ही हेलिपैड पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद करीब दोपहर 2.45 बजे सड़क के रास्ते मिश्र और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा तो किसान काले झंडे लेकर दौड़ पड़े। इसी दौरा भारी बवाल हो गया और इन सबके बीच हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई।
किसानों की ओर से मंत्रीपुत्र आशीष मिश्रा को इस पूरी वारदात का मुख्य आरोपी बनाया गया है। किसानों के आक्रोश में भारी जनदबाव के बीच पुलिस ने आशीष मिश्रा, सह आरोपी आशीष पांडेय और लवकुश राना समेत कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। अशीष मिश्रा और अन्य आरोपियों के असलहों की फोसेंसिक जांच भी कराई गई है।
पुलिस ने इस मामले की केस डायरी और असलहा रिपोर्ट अदालत में पेश की। विवेचक की ओर से कोर्ट में पूरे मामले की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के साथ बैलिस्टिक रिपोर्ट भी पेश की गई।
बचाव पक्ष की ओर से सलिल श्रीवास्तव, अवधेश दुबे, अवधेश सिंह और रामआशीष मिश्रा ने बहस की। उन्होंने अदालत के सामने एक फोटो एलबम रखी। उन्होंने अदालत से फोटो देखने की अपील की। अभियोजन पक्ष की से जिला शासकीय अधिवक्त अरविंद त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा। इस पूरे मामले में कोर्ट में करीब दो घंटे तक बहस चली।