किसान आंदोलन के एक साल बाद भी MSP पर क्यों अड़े किसान, राकेश टिकैत ने दिया ये जवाब

कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन ( Kisan Andolan ) के आज एक साल पूरे हो गए। इस मौके पर राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) ने कहा कि पिछले एक साल में देश के किसानों ने कुछ नहीं खोया है। खोने के बजाए किसानों एकजुटता पाई है। राकेश टिकैत ने कहा कि आज भी सभी उत्पाद आधे दाम पर बिक रहे हैं तो हमारी जीत कहां? हमें तो एमएसपी ( MSP ) पर गारंटी चाहिए.

उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि मोदी सरकार ( Modi Government ) ने कृषि कानूनों की वापसी ( Agriculture Laws Repealed ) पर वैचारिक सहमति जताई है और कैबिनेट ने पीएम मोदी के ऐलान पर अपनी सहमति भीदे दी है। लेकिन सरकार किसानों की बात मान कहां रही है। क्या सरकार ने हमें एमएसपी पर गारंटी दे दी?

मैं, आप लोगों को साफ शब्दों में बता दूं किसानों को सीधा फायदा एमएसपी की गारंटी से होगा। वह ये दे नहीं रहे और फिर बहस छेड़ रहे हैं कि किसान नहीं मान रहे। इस पर बातचीत के लिए हमने मोदी सरकार को पांच दिन पहले चिट्ठी लिखी थी। अभी तक मोदी सरकार की ओर से उसका जवाब नहीं मिला है। सरकार एमएसपी पर बात नहीं करना चाहती है। ऐसे में आंदोलन समाप्त कैसे होगा। हम तो चाहते हैं कि आंदोलन समाप्त हो, पर सरकार नहीं चाहती।

उन्होंने कहा कि आंदोलन के आज एक साल पूरे हुए हैं। इस तारीख पर तो लोग अपने आप ही आ जाते हैं। ट्रैक्टर क्या अफगानिस्तान का टैंक है क्या? ये हिंदुस्तान में या खेतों में चलने वाला ट्रैक्टर नहीं है?

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) ने कहा कि 29 तारीख को ट्रैक्टर मार्च का कार्यक्रम है। हम तो खुले रास्ते से ट्रैक्टर लेकर के जाना चाह रहे हैं। सरकार ने एफिडेविट दे रखा है कि सारा रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि आंदोलन ठीक जा रहा है। यह खेत से संसद की ओर जा रहा है। यह आंदोलन खेत में चलेगा और मजबूती से आगे बढ़ेगा। भाजपा की तो खिलाफत करनी पड़ेगी क्योंकि मोदी सरकार काम नहीं कर रही है। उन्होंने चुनावी राजनीति के सवाल पर कहा कि हम आंदोलनकारी हैं। हम सड़कों का चुनाव लड़ते हैं। टिकैत ने असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी को चाचा-भतीजा करार दिया और कहा कि ये हिंदू-मुस्लिम करवाते रहते हैं।

किसान आंदोलन ( Kisan Andolan ) के एक साल पूरे होने पर दिल्ली पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं। दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया है कि दिल्ली की सीमा पर बड़ी तादाद में किसानों के जमावड़े को देखते हुए कई जगह सुरक्षा इंतजामात कड़े किए गए हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से लागू गए कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू किया था। किसानों के इस आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। साथ ही पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी से किसान ट्रैक्टर का जत्था भी भारी संख्या में पहुंच गया है।

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