भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने अपनी सुरक्षा के लिए एक नया कानून बनाया है। इस कानून में कहा गया है कि सीमा सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले किसी सैन्य टकराव या युद्ध की स्थिति में चीन अपनी सीमाएं बंद कर सकता है। इसके अलावा इस कानून में सीमा से जुड़े इलाक़ों में ‘निर्माण कार्यों’ को बेहतर करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। अब इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की भी प्रतिक्रिया आई है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार चुपचाप लद्दाख और अरुणाचल की जमीन चीन के हाथों खोती जा रही है। इसके अलावा चीन के कारण कई पड़ोसी देशों से भी भारत की दोस्ती खत्म हो गई है।
Modi govt has been quietly losing territory in Ladakh & Arunachal to China, while besides India has lost friendships of many neighbouring countries also to China. Pakistan and Afghanistan are preparing for terror war in Kashmir soon. This all cannot be masterstrokes.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 25, 2021
पाकिस्तान और अफगानिस्तान जल्द ही कश्मीर में आतंकी युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यह सब मास्टरस्ट्रोक बिल्कुल नहीं हो सकता। आप इसके लिए नेहरू को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। बीजेपी को इस गलती को सुधारने के लिए वोट दिया गया था न कि इस मुद्दे पर वापस जाने के लिए।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: सुब्रह्मण्यम स्वामी के ट्वीट पर लोगों की भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है। एक यूजर ने लिखा, ‘लगता है सर आपका बीजेपी में कार्यकाल पूरा हो गया है। अब आपके कांग्रेस जॉइन करने का समय आ गया है।’
यूजर घनश्याम दास शर्मा ने लिखा, ‘ये पाला बदलने वाले लोग हैं। सुना है आप पहले कांग्रेस में थे और वहां से भी खूब मिठाई खाई थी।’ यूजर जी.एल पारिख लिखते हैं, ‘मैं हैरान हूं कि बीजेपी ने आपको पार्टी से बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाया।’
एक यूजर ने लिखा, ‘आज अगर चीन हमें आंखें दिखाता है तो इसके लिए 1962 का युद्ध बड़ा कारण है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की इतनी हिम्मत नहीं है कि वो भारत में कोई युद्ध की कोशिश भी कर सके। अगर चीन के पास भारत की थोड़ी सी भी सीमा है तो इसके लिए नेहरू जिम्मेदार हैं।’
यूजर अजय कुमार लिखते हैं, ‘आपको अगर भारतीय सीमाओं की इतनी चिंता तो आप ही वहां क्यों नहीं चले जाते। यहां बैठकर लोगों को गलत जानकारी देने से कुछ नहीं होगा।’
चीन का नया कानून: चीन के नए कानून में कहा गया है कि सीमा से जुड़े इलाकों में सीमा सुरक्षा मजबूत करने, आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग, सार्वजनिक सेवाओं और आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए क़दम उठाए जा सकते हैं। बता दें, 14 देशों के साथ चीन की तकरीबन 22 हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा लगती है।