उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को इलेक्शन में हराने वाले जाट राजा के नाम पर विश्वविद्यालय की नींव रखने वाले हैं। 14 सितंबर को वह राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय की नींव रखेंगे। यूपी चुनाव से पहले इसे जाटों को ‘संतुष्ट’ करने का प्रयास माना जा रहा है।
बता दें कि किसान आंदोलन की वजह से इस बार पश्चिमी यूपी में भाजपा के विरोध में माहौल बन रहा है। यहां जाटों की बड़ी आबादी है। रविवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत की तस्वीरें भाजपा की चुनौती बयां कर रही हैं।
बता दें पश्चिमी यूपी में 150 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से 120 पर जाट वोट बड़ा उलटफेर करने की ताकत रखता है। यह फैसला भी तब लिया गया है जब किसान आंदोलन के माध्यम से जाट और मुसलमान एक साथ आते दिख रहे हैं और अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। साल 2013 में मुजफ्फरनगर में दं’गे हुए थे और तब इन दोनों के बीच काफी दूरियां आ गई थीं, जिसका फायदा भी भाजपा को मिला था। जाट पूरी तरह भाजपा के पक्ष में दिखायी दे रहा था।
वहीं बात करें राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जिनके नाम पर यूनिवर्सिटी की नींव रखी जानी है तो उन्होंने साल 1957 में लोकसभा के चुनाव में मथुरा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। वहीं उनके सामने अटल बिहारी वाजपेयी थे जो कि जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया, ‘अफगानिस्तान में भारत की अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान करने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से बनाई जाएगी यूनिवर्सिटी।’
बता दें कि सन 1915 में राजा ने ब्रिटिश सरकार का विरो’ध किया था और अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान कर दिया था। राजा महेंद्र प्रताप सिंह मुरसान के राजा थे। भाजपा का यह भी कहना है कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को जमीन दान की थी लेकिन उन्हें सम्मान नहीं दिया गया।
2019 में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वह राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर राज्य का विश्वविद्यालय बनाएंगे। राजा महेंद्र प्रताप अपने इलाके में आर्य पेशवा के नाम से जाने जाते थे और उन्होंने एक सेना भी बनाई थी जिसका नाम आजाद हिंद फौज रखा था। यह आजाद हिंद फौज वह नहीं है जिसे नेताजी सुभाष ने बनाया था।