उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में जारी किसान महापंचायत पर चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई प्रतिक्रिया दें या ना दें, लेकिन उनके ही सांसद वरुण गाँधी ने किसानों के समर्थन में अपना बयान जारी किया है।
पीलीभीत लोकसभा सीट से सांसद वरुण गाँधी ने किसानों के दर्द को समझने की अपील की है।
वरुण ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “लाखों किसान आज मुज़फ्फरनगर में प्रदर्शन करने के लिए इकठ्ठा हुए हैं। ये हमारे अपना खून हैं। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरिके से दुबारा जुड़ना चाहिए;
उनके दर्द को समझना चाहिए, उनके नज़रिए को समझना चाहिए और उनके साथ काम करके एक नतीजे पर पहुंचना चाहिए।”
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
इससे पहले भी वरुण गाँधी ने अगस्त 31 को पीलीभीत के किसान प्रतिनिधियों के बीच बैठकर “उनके दिल की बात सुनी” थी।
आज पीलीभीत के किसान प्रतिनिधियों के बीच बैठकर मैंने उनके दिल की बात सुनी… pic.twitter.com/6Oebo4FMv3
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 31, 2021
मोदी सरकार किसानों के साथ बात-चीत कर कर अब तक कोई हल नहीं निकाल पाई है।
भाजपा की यूपी यूनिट की तरफ से भी पहले किसानों और उनके नेताओं को सहयोग के बजाए चेतावनी दी जा चुकी है।
जुलाई 29 को भाजपा-उत्तर प्रदेश ने एक कार्टून ट्वीट किया जिसमें लिखा था कि यदि किसान आंदोलनकारी लखनऊ जाएंगे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका ‘बक्कल तार देंगे’।
केंद्र और राज्य सरकारों के इस असहयोग के बावजूद भाजपा सांसद वरुण गाँधी का आंदोलनकारी किसानों को समर्थन देना अपने आप में बड़ी बात है।
लगभग 10 महीने से देश में किसान आंदोलन चल रहा है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी किसान आंदोलन को समर्थन मिला है।
बताया जा रहा है कि 25 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर भारत बंद का आवाहन किया गया है।
बीते साल मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था।
इस दौरान किसान प्रदर्शनकारियों को कई बार पुलिस की बर्बर कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा है। जिसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई है।