ड्रग्स बरामदगी मामले में अडानी की भूमिका की होगी जांच या चुप रहेगी मोदी सरकार?

ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप मोदी के मित्र गौतम अडानी (Gautam Adani) के मुन्द्रा पोर्ट (Mundra Port) से बरामद होने पर भी गोदी मीडिया इस मामले को जरा भी तवज्जो नहीं दे रही है और अभी तक अडानी के खिलाफ कोई कारवाई करने की भी सूचना नहीं मिली है। इस देश में किसी के घर से गांजे की छोटी पुड़िया बरामद होने पर भी उस घर के मालिक को गिरफ्तार कर लिया जाता है। भाजपा (BJP) शासित राज्य असम में तो ऐसी पुड़िया बेचने वाले छोटे वितरकों को पिछले दो महीने से पैर में गोली मारने का अभियान पुलिस चला रही है। सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) आत्महत्या मामले पर तमाशा करते वक़्त देश देख चुका है किस तरह गोदी मीडिया के एक एंकर ने गांजे की पुड़िया बरामद होने पर ‘मुझे ड्रग्स दो’ कहते हुए वीभत्स मंजर पेश किया था।

लेकिन जैसे ही मोदी सरकार (Modi Govt) के आका अडानी का नाम सामने आता है गोदी मीडिया और प्रशासन को सांप सूंघ जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी का मामला सामने आने और इसके तार अडानी के निजी पोर्ट से जुड़े होने के बावजूद न तो अडानी की भूमिका की जांच करने की हिम्मत मोदी सरकार कर पा रही है न ही गोदी मीडिया इतने बड़े मसले पर अडानी से कोई सवाल पूछने की जुर्रत कर पा रही है।

गुजरात में राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ड्रग्स तस्करी से जुड़ी एक बहुत बड़ी कार्रवाई की है। डीआरआई ने दुनिया की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी का खुलासा किया है। कच्छ के गौतम अडानी के स्वामित्व वाले मुंद्रा पोर्ट में हुई इस कार्रवाई में एक नहीं, दो नहीं बल्कि 3 हजार किलो हेरोइन जब्त की गई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार (International Market) में इसकी कीमत करीब 9 हजार करोड़ रुपए है। इस कार्रवाई में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस तस्करी से संबंधित कुछ अफगान नागरिकों की भी तलाश की जा रही है। इस छापे के बाद दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, गांधीधाम, मांडवी में भी छापेमारी कर तलाशी ली जा रही है।

मुंद्रा कोर्ट (Mumbai Court) का स्वामित्व अडानी पोर्ट के पास है। अडानी पोर्ट प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी है। डीआरआई और कस्टम विभाग के संयुक्त ऑपरेशन (Joint Operation) में यह बड़ी मात्रा में हेरोइन जब्त करने में कामयाबी मिली है। पिछले पांच दिनों से इस संदर्भ में सर्च ऑपरेशन शुरू था। इस कार्रवाई के दौरान मुंद्रा पोर्ट के दो कंटेनर की तलाशी में 9 हजार करोड़ का ड्रग्स बरामद किया गया। इस ड्रग्स तस्करी से बहुत बड़े रैकेट के जुड़े होनी की आशंका जताई जा रही है।

डीआरआई सूत्रों के मुताबिक हेरोइन ले जाने वाला कंटेनर आंध्र प्रदेश के विजयवाडा की एक ट्रेडिग कंपनी (Trading Company) ने आयात किया था। इस फर्म ने कंटेनर में टेलकम पाउडर होने का झांसा दिया था। लेकिन तलाशी के वक्त गांधीनगर की फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम मौजूद थी। इस टीम ने टेस्ट कर यह बता दिया कि यह जिसे टेलकम पाउडर कहा जा रहा है, दरअसल वह हेरोइन है।

पहले कंटेनर में 199.58 किलोग्राम हेरोइन पाया गया और दूसरे कंटेनर में 988.64 किलोग्राम हेरोइन पाया गया। यानी 2 हजार 988.22 किलो ग्राम हेरोइन जब्त की गई है।अफगानिस्तान के कंधार स्थित हसन हुसेन लिमिटेड ने ये दोनों कंटेनर निर्यात किए हैं। ये कंटेनर ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट से आए हैं। अधिकारियों के दावे के मुताबिक यह दुनिया में अब तक जब्त की गई हेरोइन की सबसे बड़ी खेप है।

ढाई महीने पहले यानी जुलाई महीने में भी नवी मुंबई के न्हावाशेवा पोर्ट से 300 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। उस वक्त भी कंटेनर ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट से लाए गए थे और तब भी हेरोइन को टेलकम पाउडर बता कर लाया जा रहा था। इसके बाद अगस्त महीने में भी न्हावाशेवा में ही डीआरआई ने 191 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। हेरोइन की यह खेप पाकिस्तान से आई थी और इसे ईरान के चाबहार पोर्ट से भेजा गया था। और तब इसे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बता कर लाया जा रहा था।

संयोग से, हाल के दिनों में हेरोइन की सबसे बड़ी खेप नीदरलैंड से फरवरी 2021 में दर्ज की गई थी, जब रॉटरडैम के अधिकारियों को पाकिस्तान से हिमालयी नमक रखने वाले कंटेनर में 1,500 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ मिला था। घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए पुलिस के सूत्रों ने कहा कि डीआरआई ने फर्म के व्यापारिक लेनदेन की जाँच की। राज्य पुलिस के कर्मी भी डीआरआई के अधिकारियों के साथ थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम कंपनी और इससे जुड़ी अन्य फर्मों के विवरण और गतिविधियों की पुष्टि कर रहे हैं।”

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