गृह मंत्रालय ने माना- हिंदू खतरे में होने की बात काल्पनिक, दिग्विजय ने पूछा- क्या अब भी हिंदुओं को गुमराह करेंगे मोदी-शाह?

भारत में हिन्दू खतरे में है, क्या वाकई? वैसे तो आप 2014 के बाद से इस कथन को बारंबार सुनते आ रहे हैं। इसका राजनीतिक रूपांतरण इतना कि आरएसएस और उसकी दूसरी शाखायें बात-बात पर हिन्दू जगाने चल देती हैं।

हालाँकि आरएसएस की सहयोगी कही जाने वाली बीजेपी जोकि इस वक्त सत्ता में है, उसी के गृह मंत्रालय ने हिन्दू के खतरे में होने की बात से इंकार कर दिया है।

दरअसल, नागपुर के एक सोशल एक्टिविस्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से हिंदू धर्म के खतरे में होने के सबूत मांगे थे।

इसके जवाब में अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंदू धर्म के लिए किसी भी तथाकथित खतरे के सबूत नहीं है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं दिया जा सकता है।

केंद्र सरकार के इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल जैसे संगठनों के आरोप है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है, आने वाले समय में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे, हिंदुत्व खतरे में आ जाएगा।

बीजेपी के बड़े-बड़े नेता भी सार्वजनिक तौर पर कहते रहे हैं कि हिंदुत्व खतरे में है और हमें इसकी रक्षा करने के लिए वोट दीजिए। चुनाव के समय सभी राज्यों में भी बीजेपी अमूमन हिंदुत्व के मुद्दे पर फोकस रखती है।

हालांकि, अब जब खुद केंद्र सरकार ने इसे कोरी कल्पना बताया है तो यह सवाल स्वाभाविक है कि चुनावों में बीजेपी इस काल्पनिक मुद्दे को क्यों हकीकत की तरह परोसती है।

मामले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदुओं को डराती है।

दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से पूछा है कि आप कबतक हिंदुओं को गुमराह करते रहोगे?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे के एक आरटीआई सवाल के जबाव में यह कहा है। जबलपुरे ने गृह मंत्रालय से इसके सबूत माँगे थे कि हिन्दू धर्म ख़तरे में है।

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