किसानों का भारत बंद शुरू शंभु बॉर्डर जाम, दिल्ली के श्रीराम मेट्रो स्टेशन में इंट्री-एक्जिट बंद

तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरुद्ध किसानों का भारत बंद शुरू हो गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर वाहनों के आने-जाने पर रोक लगा दी है तो वहीं किसानों ने पंजाब-हरियाणा के बीच शंभु बॉर्डर (Shambhu Border) को जाम कर दिया है।

वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tijait) ने भारत बंद को लेकर कहा कि कुछ भी सील नहीं किया गया है। एंबुलेंस, डॉक्टरों सहित सभी आपातकाली सुविधाएं जारी रहेंगी। उन्होंने कहा, “हमने कुछ सील नहीं किया, हम बस संदेश देना चाहते हैं।” उधर, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने पंडित श्री राम शर्मा स्टेशन के एंट्री-एग्जिट को बंद कर दिया है।

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt kisan morcha) ने आज सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। आज ही यानि, सोमवार, 27 सितंबर को किसान आंदोलन के 10 महीने पूरे हो रहे हैं। इसी मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा इस दिन देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। किसानों के इस हड़ताल को देश के ज्यादातर विपक्षी दल, 40 से अधिक कृषि संगठन, कई मजदूर संगठन भी समर्थन कर रहे हैं।

किसान संगठनों की घोषणा के अनुसार यह भारत बंद आज शाम 4 बजे तक चलेगा। बंद को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दल, तेलुगू देशम पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, एलडीएफ ने समर्थन दिया है। वहीं बैंक अधिकारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया है। पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बंद का समर्थन किया है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन ने उनके समर्थन का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि वो किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे।

मायावती की पार्टी बीएसपी, समाजवादी पार्टी भी भारत बंद का समर्थन कर रही है। वहीं, अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC) ने ‘भारत बंद’ को समर्थन देने की घोषणा करते हुए मांग की कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों पर उसके साथ फिर से बातचीत शुरू करे। साथ ही तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करे। किसान संगठनों की पूर्व घोषणा के मुताबिक, देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद कराए जाएंगे।

हालांकि, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य और व्यक्तिगत आपात स्थिति में शामिल लोगों सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी। बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा। हालांकि मालवाहक ट्रकों और गाड़ियों को दिल्ली से बाहर या अंदर जाने से रोका जाएगा। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारत बंद को लेकर कहा कि मैं किसानों से आग्रह करना चाहता हूं कि आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाएं। तोमर ने कहा, “सरकार उनके द्वारा बताए गई आपत्ति पर विचार करने को तैयार है। इससे पहले भी कई बार बात हो चुकी है। कोई बात बची है तो सरकार जरूर बात करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को राजनीति से नही जोड़ना चाहिये, किसान सबका है और सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ किसान यूनियन के साथ बातचीत की है और आगे भी करने के लिए तैयार है।”

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