सरकारी संपत्तियां बेचकर पैसा कमाने वाली सरकार, करोड़ों रुपए विज्ञापनों में क्यों खर्च कर रही है ?

हाल ही में केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने देश की सरकारी संपत्तियों को बेचकर 60 खरब रुपए जुटाने का रोड मैप तैयार किया है। आने वाले वक्त में मोदी सरकार तकरीबन देश की सभी सरकारी संपत्तियों को उद्योगपति घरानों को बेच डालेगी।

इसके पीछे कारण यह दिया जा रहा है कि कोरोना महामारी के चलते सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है।

दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसे पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने शेयर किया है।

इस समय में हैरानीजनक बात ये है कि एक तरफ मोदी सरकार सरकारी संपत्तियों को बेचने के पीछे आर्थिक तंगी का हवाला दे रही है।

दूसरी तरफ आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बड़े स्तर पर चुनाव प्रचार करने के लिए बेहिसाब पैसा खर्चा जा रहा है।

हाल ही में राज्य भर में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को नंबर वन राज्य बताते हुए भी हर तरफ बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग से लगवाए थे।

भारतीय जनता पार्टी द्वारा योगी सरकार के झूठे प्रचार प्रसार के लिए जनता के टैक्स के पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है।

एक तरफ देश की संपत्ति को नीलाम किया जा रहा है। दूसरी तरफ भाजपा देश की अर्थव्यवस्था पर नहीं बल्कि सरकारी पैसा विज्ञापनों पर उड़ा रही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की जनता योगी सरकार से पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है। लोगों द्वारा खुलेआम कहा जा रहा है कि इस बार योगी आदित्यनाथ को वोट नहीं दिए जाएंगे।

इसीलिए अब भाजपा यूपी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए झूठे प्रचार प्रसार पर हजारों करोड रुपए बहाने पर तुली हुई है।

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