राकेश टिकैत ने दावा किया है कि यूपी में 5 लाख फर्जी किसान हैं. इन सभी के नाम से एमएसपी पर धान और गेहूं की बिक्री की गई है जबकि जिन जमीनों को इन किसानों की जमीन बताई गई है वह या तो सड़क हैं या फिर बिल्डिंग है.
टिकैत ने दावा किया है कि ऐसे फर्जी किसानों को एमएसपी देने के नाम पर डेढ़ अरब रुपये का घोटाला यूपी में हुआ है. टिकैत ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.
टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने पर प्रेस वार्ता आयोजित कर इस घोटाले से जुड़े दस्तावेज मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया.
टिकैत ने बताया कि 23 फसलों पर एमएसपी दिया जाता है लेकिन खरीद सिर्फ 2-3 फसलों की होती है. देश के 08 प्रतिशत किसानों तक भी एमएसपी का लाभ नहीं मिल पा रहा. बिचौलिये किसानों से कम कीमतों पर फसल खरीद लेते हैं और फिर उसे एमएसपी पर क्रय केंद्रों पर बेच देते हैं.
टिकैत ने बताया कि 23 फसलों पर एमएसपी दिया जाता है लेकिन खरीद सिर्फ 2-3 फसलों की होती है. देश के 08 प्रतिशत किसानों तक भी एमएसपी का लाभ नहीं मिल पा रहा. बिचौलिये किसानों से कम कीमतों पर फसल खरीद लेते हैं और फिर उसे एमएसपी पर क्रय केंद्रों पर बेच देते हैं.
रजपुरा टांडा में ही लाजवंती के नाम पर 96 क्विंटल गेहूं बेचा गया है. इस जमीन पर भी दूसरे लोग खेती करते हैं, जो लाजवंती को जानते तक नहीं.
टिकैत ने यह भी दावा किया कि रामपुर में एमएसपी पर जो धान खरीद दिखाया गया है, उसकी खेती रामपुर में होती भी नहीं.
विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश में जिस तरह से राकेश टिकैत ने डेढ़ अरब रुपये के एमएसपी घोटाले का सनसनीखेज आरोप दस्तावेजों के साथ लगाया है, वह प्रदेश की योगी सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है
रजपुरा टांडा में ही लाजवंती के नाम पर 96 क्विंटल गेहूं बेचा गया है. इस जमीन पर भी दूसरे लोग खेती करते हैं, जो लाजवंती को जानते तक नहीं.
टिकैत ने यह भी दावा किया कि रामपुर में एमएसपी पर जो धान खरीद दिखाया गया है, उसकी खेती रामपुर में होती भी नहीं.
विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश में जिस तरह से राकेश टिकैत ने डेढ़ अरब रुपये के एमएसपी घोटाले का सनसनीखेज आरोप दस्तावेजों के साथ लगाया है, वह प्रदेश की योगी सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है