देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले 08 अगस्त को एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में एक खास मजहब के खिलाफ बेहद अभद्र, अमर्यादित और भड़काउ नारेबाजी की गई. कार्यक्रम के आयोजक सुप्रीम कोर्ट के वकील और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रहे अश्विनी उपाध्याय थे.
अब दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट के इस एडवोकेट की तलाश कर रही है. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता और इस नफरती वकील को गिरफ्तार कर लिया है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर कहा है कि ‘मैं सिर्फ यह सोच रही हूं कि अगर सुप्रीम कोर्ट का ये वकील मुसलमान होता और प्रवक्ता भाजपा की जगह किसी विपक्षी दल का होता और बिना अनुमति के रैली का आयोजक होता और उस भीड़ ने हिंदू विरोधी नारे लगाए होते तो क्या पुलिस ऐसे ही अपराधियों को खोजने में असमर्थ होती !’
Just wondering;
If Muslim SC lawyer & oppn party spokesman had organized rally without permission in centre of Delhi where crowd chanted anti Hindu slogans whether police would be unable to find perpetrators?— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 9, 2021
वैसे नफरती वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने इस वीडियो को फर्जी बताया है जिसमें एक मजहब विशेष के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है.
उपाध्याय का कहना है कि उसे इस वीडियो के बारे में जानकारी ही नहीं है. इसमें सिर्फ पांच या छह ऐसे लोग हैं जो नारे लगा रहे हैं. उपाध्याय ने कहा है कि ऐसे नारे नहीं लगाए जाने चाहिए थे.
वैसे नफरती वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने इस वीडियो को फर्जी बताया है जिसमें एक मजहब विशेष के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है.
उपाध्याय का कहना है कि उसे इस वीडियो के बारे में जानकारी ही नहीं है. इसमें सिर्फ पांच या छह ऐसे लोग हैं जो नारे लगा रहे हैं. उपाध्याय ने कहा है कि ऐसे नारे नहीं लगाए जाने चाहिए थे.
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस नफरती वीडियो में मुसलमानों को राम राम कहलवाने की धमकी दी जा रही है. वीडियो में साफ तौर पर सुनाई दे रहा है कि हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्री राम कहना होगा ।
मालूम हो कि जंतर मंतर देश की संसद से थोड़ी ही दूरी पर है. एक खास मजहब के खिलाफ नारेबाजी के मामले को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से लिया है.
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि किसी भी तरह की सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. धर्म के नाम पर नफरत फैलाना हमारे लिए बर्दाश्त से बाहर है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस आयोजन के लिए इजाजत नहीं लिया गया था. इस कार्यक्रम के आयोजक भाजपा के पूर्व प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.
यह देश का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है कि जो देश अपनी धर्मनिरपेक्षता और एकता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है, आज वहां सत्ता में बैठी पार्टी के नेता खुलकर एक मजहब विशेष के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं.
शायद भारत अपनी सदियों पुरानी गंगा जमुनी तहजीब भूलाने की कगार पर खड़ा हो चुका है.