प्रधानमन्त्री उज्जवला योजना में अब तक का सबसे बड़ा घो’टाला सामने आया है। बलरामपुर के भारत-नेपाल सीमवर्ती क्षेत्र में ग्रामीण वितरक एजेंसी से उज्ज्वला योजना के छह हजार गैस सिलेंडर गोदाम और झाड़ियों में छि’पे पाए गए। इस मामले के सामने आते ही प्रशासन में हड़कं’प म’च गया। वहीं इंडियन ऑयल के अधिकारियों की टीम ने मा’मले की जांच शुरू कर दी है।
टीम लाभार्थियों के घर जाकर घो’टाले की जांच कर रही। सैकड़ों ऐसे परिवारों की पहचान हुई, जिनके नाम लाभार्थी सूची में हैं लेकिन उन्हें कनेक्शन नहीं दिया गया। जांच में सामने आया कि पचपेडवा की भार्गव एजेंसी से सैकड़ों परिवार की महिलाओं ने उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन किया था।
लेकिन इन महिलाओं को आजतक योजना में कनेक्शन नहीं दिया गया मगर उनके नाम पर सिलेंडर की डिलीवरी कर दी गई। ऐसे एक दो नहीं बल्कि उज्ज्वला योजना के लगभग छह हजार सिलेन्डर लाभार्थियों को देने के बजाय रिफिल में बेच दिया गया।
रिफिल में जो खाली सिलेंडर आते गए, उन्हें एजेन्सी संचालक डम्प करते गए। लाभार्थी जब भी अपने कनेक्शन के लिये एजेंसी पर जाते, तो उन्हें टरका दिया जाता। प्रधानमंत्री की इस महात्वाकांक्षी योजना में संचालक ने जम’कर घोटा’ला किया।
एजेंसी संचालक ने कोटेदारों से अभिलेख लेकर तमाम ऐसी महिलाओं को उज्ज्वला योजना का लाभार्थी बना दिया जिन्हें दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पता नहीं कि वो लाभार्थी हैं। एजेन्सी संचालक ने न सिर्फ उज्जवला योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सब्सिडी हड़प ली बल्कि कनेक्शन के नाम पर उज्ज्वला योजना के प्रत्येक लाभार्थी से 500 रुपये भी वसूले। इस हड़े घोटाले में एजेंसी मालिक समेत पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है और अब इंडियन ऑयल के अधिकारियों की भी टीम घोटाले की तह तक पहुंचने में जुट गई।