प्रयोग या संयोग: 18 अगस्त को मोदी सरकार ने 11,000 करोड़ से पाम आयल मिशन की शुरुआत की, उससे 15 दिन पहले रामदेव ने 3 अगस्त को पाम आयल बिज़नेस शुरू किया था

क्या देश को अब रामदेव और उनके जैसे लोग अब चलाएंगे?  वैसे भी लोगों की मोदी सरकार के बारे में ऐसे धारणा बनी हुई है की “मोदी सरकार बड़े उयद्योगपतियों के लिए ही काम करती है”.

मोदी सरकार ने 18 अगस्त को एक फैसला लिया जिसमे सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल–पाम ऑयल मिशन को मंजूरी दी है। यह केंद्र द्वारा आत्मनिर्भर के तहत एक नई  योजना है और इसका फोकस पूर्वोत्तर के क्षेत्रों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 11,000  करोड़ रुपए  निर्धारित किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रुपए का खर्च करेगी और 2,196 करोड़ रुपए राज्यों को खर्चा करना है।

अब आते है खबर के अलग पहलू में, इस खबर से 15 दिन पहले 3 अगस्त को रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि ने बताया था कि रामदेव पाम ऑयल के बिज़नेस में पाँव पसारने वाले है. रामदेव लंबे समय से पाम ऑयल के आयात को कम करने की मांग करते रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने पाम ऑयल को लेकर पतंजलि समूह का प्लान भी बताया था।

क्यों बाबा रामदेव ने उठाया ये कदम

न्यूज एजेंसी पीटीआई को योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया कि, वो पूर्वोत्तर में आयल पाम के बागान स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. वहां पर सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. असम, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर सहित अन्य राज्यों के लिए कई योजनाएं हैं. रामदेव ने कहा, हम भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं. योजना का आधार तैयार कर लिया गया है. इसे किसी भी समय शुरू किया जा सकता है.

क्या होता है पाम ऑयल, कहां होता है इसका इस्तेमाल

पाम ऑयल वनस्पति तेल है. दुनिया में इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल होता है. होटल, रेस्तरां में भी पाम तेल का इस्तेमाल खाद्य तेल की तरह होता है. इसके अलावा कई उद्योगों में इसका इस्तेमाल होता है.

नहाने वाला साबुन बनाने में भी पाम तेल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.पाम तेल ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है. इसमें कोई महक नहीं होती.

जिसकी वजह से हर तरह का खाना बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. यह बहुत ऊंचे तापमान पर पिघलता है. इसमें सैचुरेटेड फैट बहुत अधिक होता है.

यही वजह है कि इससे मुंह में पिघल जाने वाली क्रीम और टॉफी-चॉकलेट बनाये जाते हैं. फिलहाल दुनियाभर में 8 करोड़ टन के आसपास पाम ऑयल पैदा होता है.

पाम तेल उत्पादन में इंडोनेशिया दुनिया में नंबर एक पर है. दूसरे नंबर पर है मलेशिया है. कुछ अफ्रीकी देशों में भी इसका उत्पादन होता है.

खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है. भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है.भारत में इंडोनेशिया और मलेशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है.

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