केंद्र सरकार के मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम पर विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार को घेरता नजर आ रहा है। विपक्षी नेता इस प्रोग्राम पर नाराजगी जता रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इस योजना के जरिए देश के सरकारी संसाधनों को बेचने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी बीजेपी पर हमला बोला है।
एक बार जब मैंने कमिट्मेंट कर दी, उसके बाद तो मैं अपने आप की भी नहीं सुनता ?
तो क्या हुआ 2014 में कहा था रेल नहीं बेचूँगा, अब कमिट्मेंट कर दी दोस्तों से @narendramodi
तो अब बेचूँगा
400 स्टेशन
90 ट्रेन
1400 रेल ट्रैक
741 किमी कोंकण रेल
15 रेल स्टेडीयम
265 रेल गोदाम pic.twitter.com/lcw8FhyuVJ— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) August 24, 2021
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से नरेंद्र मोदी का पुराना वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, ‘एक बार जब मैंने कमिट्मेंट कर दी, उसके बाद तो मैं अपने आप की भी नहीं सुनता। तो क्या हुआ 2014 में कहा था रेल नहीं बेचूँगा, अब कमिट्मेंट कर दी दोस्तों से, तो अब बेचूँगा 400 स्टेशन, 90 ट्रेन, 1400 रेल ट्रैक, 741 किमी कोंकण रेल, 15 रेल स्टेडियम , 265 रेल गोदाम।’ पीएम नरेंद्र मोदी का जो वीडियो सुप्रिया श्रीनेत ने शेयर किया है, वह 2014 का है।
इस भाषण में नरेंद्र मोदी निजीकरण पर बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसमें वह कह रहे हैं कि यह जो कहा जा रहा है कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है। वह सरासर गलत है। मुझसे ज्यादा रेलवे को कोई प्यार नहीं कर सकता और इसलिए यह जो गप्प चलाया जा रहा है…. भाइयों बहनों हमारी ऐसी कोई न इच्छा है, न सोच है। हम इस दिशा में कभी जा नहीं सकते हैं आप चिंता मत कीजिए।
सुप्रिया श्रीनेत के ट्वीट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। कुछ यूज़र ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए लिखा है कि मोदी हैं तो मुमकिन है।
एक टि्वटर यूजर ने वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि देश को ‘विकास विकास विकास’ का जुमला देने वालों ने पूरे देश का ‘अब्बा जब्बा डब्बा’ कर दिया। @gujrraja नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि भटकाव का एक नया तरीका, ताकि देश बिना किसी रोक-टोक के बिकता रहे।
समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने इस वीडियो पर तो पूरी कविता ही कमेंट बॉक्स में लिख डाली। उन्होंने लिखा कि बेचकर हम चले ये चमन साथियों दोस्तों के हवाले वतन साथियों। दाम बढ़ते रहे लोग मरते रहे फिर भी जुमलो को हमने न थमने दिया। लुट गई आम जनता तो कुछ गम नहीं दोस्तों का मुनाफा न घटने दिया। अब ये लो संभालो अच्छे दिन साथियों, बेचकर हम चलेंगे चमन साथियों।