कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग स्मारक स्थल का पुनर्निर्माण किए जाने के बाद इसकी भव्यता को लेकर सोशल मीडिया में उठ रहे सवालों का हवाला देते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि यह शहीदों का अपमान है और यह वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। राहुल ने अपने ट्वीट में खुद को भी शहीद का बेटा बताया है. राहुल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा.
पुनर्निर्मित परिसर पर आपत्ति जताते हुए राहुल ने कहा- ‘जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता. मैं एक शहीद का बेटा हूं- शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा. हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं.’
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जलियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर का उद्घाटन करने के बाद काफी आलोचना हो रही है. पीएम ने इसके साथ ही जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर विकसित कुछ संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन किया. इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ज्वाला स्मारक की मरम्मत करने के साथ-साथ, परिसर का पुनर्निर्माण किया गया है, वहां स्थित तालाब को एक लिली तालाब के रूप में फिर से विकसित किया गया है तथा लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है।
इस परिसर में अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्त नव विकसित मार्ग, महत्वपूर्ण स्थानों को रोशन करना, और अधिक वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य, चट्टान युक्त निर्माण कार्य तथा पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं।इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योति और ध्वज मस्तूल को समाहित करने के लिए भी काम किया गया है।
इससे पहले इस मुद्दे पर इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा- ‘यह स्मारकों का निगमीकरण है. आधुनिक संरचनाओं के नाम पर यह अपना असली मूल्य खो रहे हैं.’ वाम दल के नेता सीताराम येचुरी ने कहा- ‘यह हमारे शहीदों का अपमान है. बैसाखी के लिए इकट्ठा हुए हिंदू, मुस्लिम, सिखों के जलियांवाला बाग हत्याकांड ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को गति दी. जो लोग स्वतंत्रता संग्राम से दूर रहे वही ऐसा काम कर सकते हैं.’
कांग्रेस नेता हसीब ने प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- ‘जलियांवाला बाग हत्याकांड में जश्न जैसी क्या चीज है, जहां लाइट और साउंड की जरूरत हो? लेकिन मेरा मानना है कि जिन लोगों ने अंग्रेजों से सांठ-गांठ की हो, वह इन दिनों की भयावहता को कैसे समझेंगे.’