उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक टकराव बढ़ने लगा है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वो अपनी भाषा में संयम बरते और एक मुख्यमंत्री की भाषा बोले। उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं उस तरह की भाषा एक मुख्यमंत्री को नहीं बोलना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि उनको अपनी भाषा का संतुलन रखना चाहिए। कल उनका एक इंटरव्यू देखा है। हमारा आपका मुद्दों पर झगड़ा हो सकता, लेकिन अगर वो मेरे पिता जी के बारे में कुछ कहेंगे तो उनको अपने पिता जी के लिए भी सुनने को तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई और भाषा जानते हैं। उन्हें किसानों की पुकार नहीं सुनाई देती है। उन्हें तो चुनाव को दूसरी तरफ ले जाना है। अखिलेश ने कहा कि सवाल किसानों के भुगतान का नहीं, बल्कि बकाए का है। अखिलेश ने कहा कि किस तरह से पंचायत चुनाव में हिंसा हुई। बहन बेटियों के कपड़े छीन लिए गए। उन जिला पंचायत सदस्यों का मुख्यमंत्री स्वागत कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज सबसे ज्यादा दलित, मुस्लिम, पिछड़े जेल में है। इसका जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की जमीन पर कब्जा करने वाली सरकार है। जबकि सत्ता में आने से पहले किसानों को उनकी आय का दोगुना देने की बात कही गयी थी। लेकिन आज किसानों की आय क्या है यह किसी से छिपा नहीं है।
अखिलेश ने फिर कहा कि समाजवादी पार्टी ने जितनी सीटों का दावा किया है उतनी ही सीटे जीतेंगे उन्होंने कहा कि भाजपा सोशल मीडिया के सहारे अब तक फर्जी बातें कर चुनाव जीतने का काम करती आ रही है। वहीं दूसरी तरफ आज भोजपुरी कलाकार काजल निषाद ने भी राजनीति में कदम रखते हुए समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। काजल के साथ पूर्व सांसद राजपाल सैनी और भाजपा के अरुण निषाद ने भी निषाद पार्टी छोड़कर साइकिल पर सवार होना बेहतर समझा। इसके अलावा महामंडलेश्वर सत्यानंद महाराज ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।