पिछले 3 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए मीडिया के द्वारा कई बार कोशिशें की गई वहीं कुछ चुनिंदा न्यूज़ चैनल ही ऐसे हैं जोकि लोगों के बीच किसान आंदोलन की सच्चाई पहुंचा रहे हैं
वही कुछ गोदी मीडिया जो कि सरकार की चाटुकारिता में व्यस्त है और किसान आंदोलन को बदनाम करने में लगा हुआ है और अपने रिपोर्टरों को भेज कर ऐसे खबरें लाने को कहते हैं जिससे किसान आंदोलन को बदनाम किया जाए
यूपी में किसानों की महापंचायत थी और उसी दौरान एबीपी न्यूज़ के सीनियर रिपोर्टर रक्षित सिंह उसे कवर करने पहुंचे थे पर रिपोर्टर ने मंच पर चढ़कर यह ऐलान कर दिया की “लात मारता हूं ऐसी नौकरी पर जहां सच नहीं दिखाया जाता” उन्होंने आरोप लगाया कि न्यूज़ चैनल सच्ची खबर नहीं दिखाती पर उसी महापंचायत के मंच पर उन्होंने यह कहा कि मेरे मां-बाप ने अपने खून पसीने की कमाई से मुझे पढ़ा लिखा कर इस काबिल बनाया मैंने इस पेशे को इसलिए चुना क्योंकि मैं सच दिखाना चाहता था लेकिन हमें न्यूज़ चैनल द्वारा सच नहीं दिखाने दिया जा रहा है आज मैं इस नौकरी को लात मारता हूं
इसी दौरान उन्होंने यह भी बताया कि आज की तारीख में उन्हें 1 साल का 12 लाख रुपए का पैकेज मिलता है जो कि वह किसानों के समर्थन में छोड़ रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद मेरा पालन-पोषण मुश्किल हो जाएगा लेकिन मैं ऐसी नौकरी को लात मारता हूं जिसमें सच नहीं दिखाया जाता.
"न्यूज चैनल्स अगर सच दिखाना बंद कर देते है तो वो भी झूठ है, और इस झूठ के मैं खिलाफ हूं।" #FarmersProtest 2/3 pic.twitter.com/FGP04M5gbk
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 27, 2021
मेरठ की किसान महापंचायत कवर करने पहुँचे ABP न्यूज़ के सीनियर रिपोर्ट रक्षित सिंह ने महापंचायत के मंच पर चढ़ नोकरी छोड़ी। उन्हों ने आरोप लगाया की न्यूज चैनल खबर सच्ची खबर नहीं दिखाती.#FarmersProtest 1/3 pic.twitter.com/03ZInJ4XTZ
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 27, 2021