पुराने जमाने में जब डॉक्टर ज्यादा नहीं थे उस वक्त वेद लोग सबसे ज्यादा नीम की पत्तियों का इस्तेमाल करते थे क्योंकि नीम की पत्तियों में रोगों को दूर करने में कामयाब है और वैद्य लोग कई बीमारियों को दूर करने में नीम का रस का प्रयोग करते थे। नीम के पेड़ पर एक छोटा सा फल आता है जिसे नीम कौली कहते हैं । इस फिल्म में भी रस निकलता है और इस फल का रस भी बहुत कारगर है ।
क्योंकि नीम की पत्तियां और नीम के पेड़ पर आने वाला फल का रस दोनों ही रोगों को दूर करने में कारगर हैं। कई पुराने वैद्य लोग आज भी नीम की पत्तियों का रस निकालकर दवाइयां बनाते हैं और लोगों को उसको फायदा पहुंचता है और लोग इन वैद्य की दवाई इस्तेमाल करते हैं। नीम की पत्तियों का रस कड़वा होता है और नीम पर जो फल आता है उसमें जो रस निकलता है वह भी कड़वा होता है और यह रोगों को दूर करने में सहायक हैं।
नीम की पत्तियों के रस के साथ-साथ नीम के पेड़ की हवा भी बहुत फायदेमंद है। और इसीलिए घरों में नीम के पेड़ सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। जो लोग नीम की लकड़ी से अपने दांत साफ करते हैं जिसे दातुन कहा जाता है उन लोगों के दातों में कम बीमारियां लगती हैं क्योंकि आजकल बाजार में बहुत सारे टूथपेस्ट आ चुके हैं लेकिन सबसे ज्यादा अगर फायदेमंद है तो नीम की लकड़ी से दातुन इस दातुन को करने से हमारे दांत स्वस्थ रहते हैं।
नीम का पेड़ एक ऐसा पेड़ है अगर नीम का पेड़ आपके घर में हैं तो आपको बहुत फायदा मिलेगा क्योंकि यह नीम का पेड़ गर्मियों में ठंडी हवा देता है और इसके पत्तों का रस रोगों को दूर करने में सहायक हैं और वैद्य लोग नीम की पत्तियों का अपनी दवाइयों में इस्तेमाल करते हैं और जो दवाइयां बनाते हैं उसे लोग रोगों को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।